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बहती नदी की है यह धारा,जिसने सपनों का पर फैलायाज्यों सागर की नीली गहराई,उतनी लहरों की तनहाई| बहती नदी की है यह धारा,जिसने सपनों का पर फैलायाज्यों सागर की नीली गहराई,उतनी लहर...
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
अपनेआप को भूल प्रेमिका को ढूँढने की कोशिश करता है ! हर स्थान पर उसे ही तो ढूंढ़ता है। अपनेआप को भूल प्रेमिका को ढूँढने की कोशिश करता है ! हर स्थान पर उसे ही तो ढूंढ़त...
एक सपना पला था पलकों तले, कोकून की तरह! एक सपना पला था पलकों तले, कोकून की तरह!
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!